अभी तक नहीं बनी विषाणु की दवा, संक्रमित मरीजों को दी जा रही है एचआईवी की दवा


चीन से दुनिया के कोने-कोने में फैल रहे कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा इजात नहीं हुई है। ऐसे में चीन में इस वायरस से संक्रमित मरीजों को एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा दी जा रही है। इस खतरनाक वायरस की वजह से चीन में मरने वालों की संख्या 80 से ज्यादा हो गई है जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या 2,744 पहुंच गई है। संक्रमित मरीजों में 461 की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। सार्स विषाणुओं से संक्रमित होने वाले इस वायरस के लिए चीन में अनौपचारिक तौर पर एड्स के इलाज में दी जाने वाली  AbbVie Inc दवा दी जा रही है। दरअसल, यह एक ऐसा वायरस है जिसमें किसी भी तरह की एंटी वायरल दवा और वैक्सीन काम नहीं करती है। ऐसे में मरीजों को इस वायरस से बचाव के लिए लोपिनेविर और रिटोनेविर के मिश्रण से बनी दवा AbbVie दी जा रही है। निमोनिया जैसे लक्षणों वाली इस बीमारी में मरीज को लोपिनेविर और रिटोनेविर की गोली दी जा रही है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस पिछले साल दिसंबर महीने में सबसे पहले चीन के वुहान शहर में फैला। यहां से यह वायरस तेजी से पूरे चीन में फैलने लगा और लोगों को चपेट में लेने लगा। वुहान के बाद यह वायरस बीजिंग, शंघाई, मकाओ और हांगकांग पहुंचा और लोग इससे संक्रमित होने लगे।

10 दिन होता है कोरोना वायरस का संक्रमण काल
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग का कहना है कि इस वायरस का संक्रमण काल 10 दिन होता है और इन दिनों में इससे बचाव के लिए विशेष ख्याल रखना पड़ता है। जापान में पहले ही इस वायरस से संक्रमित दो मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। दरअसल, चीन या फिर वहां के वुहान शहर से दूसरे देशों में आने वाले यात्रियों के जरिए ही यह वायरस अन्य देशों में कदम रख  रहा है। हॉगकॉग और भारत में चीन से लौटे यात्रियों के जरिए ही इस वायरस ने कदम रखा है। इसी वजह से चीन पहले ही अपने 12 शहरों के 3.5 करोड़ से ज्यादा निवासियों के यात्रा पर प्रतिबंध लगा चुका है। 

लोपिनेविर और रिटोनेविर के जरिए ही इस वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिक इस वायरस की दवा खोजने में जुटे हुए हैं। इस वायरस के साथ एक विशेष बात यह भी है कि इसके लक्षण मरीज में फौरन नहीं दिखाई देते हैं, जिसकी वजह से संक्रमित मरीज की फौरन पहचान करना असंभव बना हुआ है।


भारत में कोरोना वायरस की दस्तक
कोरोना वायरस ने चीन ही नहीं बल्कि भारत, अमेरिका, तिब्बत, थाइलैंड, जापान, मंगोलिया और ऑस्ट्रेलिया में हाहाकार मचा रखा है। भारत में भी इस संक्रमण ने दस्तक दे दी है। मुंबई के बाद राजस्थान और बिहार में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। इन दोनों ही राज्यों में इस वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं। बिहार में चीन से लौटी एक लड़की में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रविवार को जयपुर में भी चीन से लौटे एक स्टूडेंट में कोरोना वायरस के लक्षण मिले थे, जिसका इलाज चल रहा है।

अमेरिका में रविवार को इस वायरस से संक्रमित पांचवें मरीज की पुष्टि हुई है। वहीं सिंगापुर के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना वायरस से ग्रसित चार मरीजों की पुष्टि हुई है। ऑस्ट्रेलिया में इस वायरस से संक्रमित चार मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं फ्रांस में कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीजों की पुष्टि हुई है। नेपाल का भी कहना है कि वहां भी कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज मिला है। इस तरह यह वायरस चीन से बाहर विश्व के कई देशों के लिए दहशत बन रहा है। 


क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस एक तरह का संक्रमित होने वाला वायरस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को लेकर लोगों को चेता चुका है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के जरिए फैलता है। दुनिया के तमाम देशों में यह वायरस चीन से आने वाले यात्रियों के जरिए ही पहुंच रहा है। इस वायरस के लक्षण निमोनिया की ही तरह हैं। यह वायरस कोरोनो वायरस परिवार से संबंध रखने वाला वायरस है।

कोरोना वायरस जानवरों में भी पाया जाता है। समुद्री जीव-जंतुओं के जरिए यह वायरस चीन के लोगों में फैला। दक्षिण चीन में समुद्र के आसपास रहने वाले लोगों को सबसे पहले इस वायरस ने चपेट में लिया, जिनमें वुहान शहर है। दक्षिण चीन के बाजार जहां काफी मात्रा में समुद्री जीव मिलते हैं, उनके जरिए यह वायरस लोगों में फैला। इस बाजार में समुद्री जीव जिंदा भी मिलते हैं और उनका मांस भी मिलता है। यहीं से इस वायरस ने चीन के निवासियों को अपनी चपेट में लिया। जानवरों से फैलने वाले कोरोना वायरस सिवीर एक्यूट रेस्परटॉरी सिंड्रोम (गंभीर श्वसन लक्षण) और मिडिल इस्टर्न रेस्परटॉरी सिंड्रोम दोनों तरह का होता है। मिडिल इस्टर्न रेस्परटॉरी सिंड्रोम (मेर्स) अफ्रीकी और शियाई ऊटों के जरिए मनुष्य में फैलता है। चमगादड़ ऐसा जीव है जिसमें सिवीर एक्यूट रेस्परटॉरी सिंड्रोम (गंभीर श्वसन लक्षण) और मिडिल इस्टर्न रेस्परटॉरी सिंड्रोम दोनों तरह का कोरोनो वायरस होता है। ऐसे में अभी पता नहीं चला है कि यह कोरोना वायरस सांपों या चमकादड़ों में से किसके जरिए इंसानों में फैला है क्योंकि यह एक अलग तरह का कोरोना वायरस है।